Rajasthan News: राजस्थान के करौली जिले में हिंडौन सिटी के एक स्कूल में काम करने वाले लेक्चरर संतराम सैनी की अचानक मौत ने सबको चौंका दिया है. परिवार का कहना है कि SIR के काम का बोझ और तनाव इसकी वजह बना है. संतराम सैनी उम्र 45 साल पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में लेक्चरर थे.
वे करसौली गांव के रहने वाले थे और गोपीलाल सैनी के बेटे थे. बुधवार रात करीब 10 बजे घर पर अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा. साथ में उल्टियां भी शुरू हो गईं. परिवार वाले उन्हें फौरन जिला अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही संतराम ने दम तोड़ दिया. यह खबर सुनकर पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई.
पोस्टमार्टम के बाद शव सौंपा
गुरुवार सुबह जिला अस्पताल की मोर्चरी में सदर थाना पुलिस की निगरानी में पोस्टमार्टम हुआ. डॉक्टर रामनरेश कुम्भकार ने जांच की. इस दौरान बड़ी संख्या में परिवार के लोग ग्रामीण और साथी शिक्षक मौजूद रहे. पुलिस ने बताया कि परिवार ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है. पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया. लेकिन मौत की वजह पर सवाल उठ रहे हैं.
SIR ड्यूटी में सुपरवाइजर, नोटिस ने बढ़ाया तनाव
संतराम को हाल ही में SIR कार्य में सुपरवाइजर बनाया गया था. उनके बड़े भाई राजेंद्र सिंह सैनी ने बताया कि 17 नवंबर को विभाग ने काम की प्रगति कम होने पर नोटिस जारी किया था. जवाब मांगने से संतराम बहुत परेशान हो गए थे. वे मानसिक तनाव में थे.
परिवार का कहना है कि स्कूल की जिम्मेदारी परिवार का बोझ और चुनाव विभाग का काम मिलकर दबाव बढ़ा रहा था. दो महीने पहले पत्नी ने सीजेरियन से एक बेटे को जन्म दिया था. इससे घर की जिम्मेदारियां और बढ़ गई थीं. संतराम दो बेटों पार्थ उम्र 3 साल और दो महीने के नवजात को छोड़ गए.
शाम 9.30 बजे घर पर शुरू हुआ दर्द
परिवार ने बताया कि बुधवार रात 9.30 बजे संतराम घर पर थे. अचानक दर्द हुआ और हालत बिगड़ गई. परिवार उन्हें अस्पताल ले गया लेकिन बहुत देर हो चुकी थी. वहां डॉक्टर ने उन्हें मरा हुआ घोषित कर दिया. ग्रामीणों और परिवार ने मौत को SIR काम के बढ़ते दबाव से जोड़ा है.
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