Ajmer News: महाकुंभ प्रयागराज में मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम तट पर मची भगदड़ में अजमेर के सरवाड़ उपखंड के स्यार गांव निवासी न्याली देवी (50) की दर्दनाक मौत हो गई. न्याली देवी अपने पति रामनारायण बैरवा और अन्य परिजनों के साथ संगम तट पर स्नान करने गई थीं. भगदड़ के बीच न्याली देवी संभल पाती इससे पहले ही भीड़ ने उन्हें कुचल दिया. वहीं उनके पति और अन्य परिजन किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे.
''हर जगह से निराशा ही मिली''
हादसे के बाद रामनारायण बैरवा अपनी पत्नी को भगदड़ स्थल पर खोजते रहे लेकिन वहां चारों ओर शव और घायल लोग पड़े थे. सदमे में डूबे रामनारायण बैरवा को यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिनके साथ वह महाकुंभ स्नान के लिए आए थे लेकिन उनकी पत्नी अब उनके साथ वापस घर नहीं लौटेगी. वह हर थाने और मेला कार्यालय में संपर्क करते रहे लेकिन हर जगह से निराशा ही मिली.
शव को ढूंढ़ने के लिए इधर-उधर भटकते रहे
पत्नी को ढूंढने की इस जद्दोजहद में रामनारायण बैरवा हर अस्पताल की मोर्चरी तक पहुंचे, लेकिन वहां भी उन्हें अपनी पत्नी का शव नहीं मिला. बाद में स्थानीय जनप्रतिनिधि भाजपा मंडल महामंत्री देवराज बैरवा ने इस मामले की सूचना विधायक शत्रुघ्न गौतम और उच्च अधिकारियों को दी. विधायक गौतम ने उत्तर प्रदेश सरकार और मेला अधिकारियों से संपर्क कर पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को सूचित किया कि न्याली देवी का शव लखनऊ अस्पताल की मोर्चरी में है.
30 लोगों की मौत की खबर
यह जानकारी मिलते ही परिजन लखनऊ अस्पताल के लिए रवाना हुए, जहां चिकित्सकों ने मृतका का शव उनके पति रामनारायण बैरवा को सौंप दिया. इस हृदयविदारक घटना से परिवार और गांव में शोक की लहर फैल गई. महाकुंभ प्रयागराज में भगदड़ के कारण 35 से 40 लोगों की मौत की खबर है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की है. इस घटना ने एक बार फिर कुंभ जैसे बड़े आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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