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"हमें मारोगे तो भी परोपकार बंद नहीं करेंगे", प्रेमानंद महाराज ने ट्रोलर्स के लिए भगवान से की प्रार्थना

प्रेमानंद महाराज ने कहा क‍ि अगर हम बुराई करने वालों के जैसे बुराई कर बैठे तो हम भी उन्हीं के जैसे हो गए. उन्होंने बुराई करने वालों के ल‍िए भगवान से प्रार्थना की है.

"हमें मारोगे तो भी परोपकार बंद नहीं करेंगे", प्रेमानंद महाराज ने ट्रोलर्स के लिए भगवान से की प्रार्थना
प्रेमानंद महाराज. (फाइल फोटो)

सोशल मीड‍िया पर ट्रोल करने वालों को प्रेमानंद महाराज ने जवाब द‍िया है. प्रेमानंद महाराज ने कहा, "हम अपना परोपकार बंद नहीं करेंगे. तुम हमें मारोगे तो भी हम तुम्‍हारा परोपकार करेंगे. तभी तो हमारी साधुता है, तभी तो हमारी अच्‍छाई है. जैसे आप अच्‍छाई कर रहे हैं और लोग आपकी बुराई कर रहे हैं, तो भी हम आपकी अच्‍छाई करेंगे. अगर हम बुराई करने वालों के जैसे बुराई कर बैठे तो हम भी उन्हीं के जैसे बन गए.

"हम अपनी अच्छाई को दृढ़ रखेंगे"

उन्होंने कहा, "हम अपनी अच्‍छाई को दृढ़ रखेंगे. आप हमें मारोगे तो भी हम आपके ल‍िए भगवान से प्रार्थना करेंगे क‍ि आप स्‍वस्‍थ रहो. आपकी बुद्धि ठीक रहे. आपको कभी कष्‍ट न हो. तभी तो हमारी भक्‍ति‍ स‍िद्ध होगी." प्रेमानंद महाराज ने बुराई करने वालों की मंगल के ल‍िए भगवान से प्रार्थना की है.

प्रेमानंद महाराज को इस बात पर किया ट्रोल 

असल में प्रेमानंद महाराज के पास लोग अपने सवालों को लेकर जाते हैं, और अपनी बात को कहते हैं. एक महिला ने प्रेमानंद महाराज से सवाल पूछी क‍ि महाराज जी आज कल के बच्चे चाहे अपनी पसंद से शादी करें या फिर माता-पिता की पसन्द से, दोनों स्थिति में पर‍िणाम अच्‍छे नहीं आते हैं.

"आज कल के बच्‍चे-बच्‍च‍ियों के चर‍ित्र पव‍ित्र नहीं"

इस पर सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा था क‍ि पर‍िणाम अच्‍छे आएंगे कैसे. आज कल के बच्‍चे-बच्‍च‍ियों के चर‍ित्र पव‍ित्र नहीं हैं. पहले की हमारी माताओं-बहनों की रहन-सहन देखो. उनकी पोशाक ऐसी होती थीं क‍ि पल्‍लू सिर से नीचे नहीं ग‍िरता था. आजकल की बच्‍चे-बच्‍च‍ियां कैसी पोशाकें पहन रहे हैं. उनका आचरण देखो. एक से ब्रेकअप दूसरे से व्‍यवहार. फ‍िर दूसरे से ब्रेकअप, तीसरे से व्‍यवहार.

"व्यवहार व्यभिचार में परिवर्तित हो रहा है" 

उन्होंने कहा, "व्‍यवहार व्‍यभ‍िचार में पर‍िवर्त‍ित हो रहा है. कैसे शुद्ध होगा. मान लो हमें चार होटल के खाने की आदत पड़ गई तो घर की रसोई का भोजन अच्‍छा नहीं लगेगा. जब चार पुरुष से म‍िलने की आदत पड़ गई तो एक पत‍ि को स्‍वीकार करने की उसमें ह‍िम्‍मत नहीं रह जाती है. इसी तरह ज‍िस पुरुष को चार लड़क‍ियों से व्‍यभ‍िचार करने की आदत पड़ गई है वह अपनी पत्‍नी से संतुष्‍ट नहीं रहेगा. हमारी आदत खराब हो रही है. हमारे बच्‍चों की आदत खराब हो रही है."

"आज-कल मोबाइल में गंदी बातें होती हैं"

प्रेमानंद महाराज ने कहा, "आजकल जो मोबाइल चल गया है और गंदी बातें होती हैं, उसकी वजह से अच्‍छी बहू और पत्‍नी म‍िलना बड़ी मुश्‍किल हो गया है. 100 में दो चार कन्‍याएं होंगी, जो अपना पव‍ित्र जीवन रहकर अपने पत‍ि को समर्प‍ित होती होंगी, वो सच्‍ची बहू बनेगी. जो चार लड़कों से म‍िल चुकी होगी, वो सच्‍ची बहू कैसे बनेगी. जो चार लड़क‍ियों से म‍िल चुका होगा, वो सच्‍चा पत‍ि बनेगा."

"हमारे देश में पति के ल‍िए जान देने की प्रथा रही"

उन्होंने कहा, "हमारा देश धर्म प्रधान देश है. आज कल हमारे देश में व‍िदेशी माहौल घुस गया है. ल‍िव-इन-र‍िलेशनश‍िप गंदगी का खजाना है. हमारे यहां पव‍ित्रता के ल‍िए जान दे दीं. जब मुगलों का आक्रमण हुआ तो हमारे देश में पव‍ित्रता के ल‍िए जान दे दीं, लेक‍िन शरीर को छूने नहीं द‍िया. हमारे देश में पति के ल‍िए जान देने की प्रथा रही है. अपनी पत्‍नी को प्राण माना गया है. अर्धांगिनी माना गया है. हमारे देश की भाषाएं कहां गईं." उन्होंने कहा क‍ि शादी के पर‍िणाम इसील‍िए अच्‍छे नहीं आ रहे हैं, क्‍योंक‍ि पहले से व्‍यभ‍िचार हो रहा है."

"पाण‍िग्रहण करने के बाद उसे प्राण माना जाता"

प्रेमानंद महाराज ने कहा, "पहले शादी व्‍याह होता था तो गांव में पूजा होती थी. बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद ल‍िए जाते थे. आज पहले ही व्‍यभ‍िचार हो रहे हैं. पहले ही गलत आचरण क‍िए बैठे हैं. क्‍या जानें उस पव‍ित्र धारा को. क्‍या मानेंगे पाण‍िग्रहण को. हमारे यहां पाण‍िग्रहण करने के बाद उसे प्राण माना जाता है. व‍िदेश नहीं है क‍ि आज इसके साथ, कल उसके साथ." उन्होंने कहा क‍ि माता जी बड़ा व‍िच‍ित्र समय है. चलो पहले हो हुआ सो हुआ. ब्‍याह के बाद तो सुधर जाओ."

100 में दो चार कन्‍याएं ही होंगी जो पव‍ित्र होंगी. प्रेमानंद महाराज की इस बात को लेकर लोगों ने सोशल मीड‍िया पर ट्रोल कर द‍िया था.

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