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Bundi News: मानसून से पहले नहीं बन सका जैतसागर नाला, किनारे बने सैंकड़ों मकानों के गिरने का खतरा

राजस्थान के बूंदी में जैतसागर नाले का आधा-अधूरा निर्माण काम लोगों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है. नाले का अभी केवल 45% काम पूरा हुआ है. जिससे 100 से अधिक मकानों पर बारिश में गिरने का खतरा मंडरा रहा है.

Bundi News: मानसून से पहले नहीं बन सका जैतसागर नाला, किनारे बने सैंकड़ों मकानों के गिरने का खतरा
बूंदी का जैतसागर नाला.

Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी शहर में जैतसागर नाले का निर्माण आधा-अधूरा रहने से लोगों में डर का माहौल है. मानसून आने से पहले नाले का काम पूरा होना था, लेकिन अब तक केवल 45 प्रतिशत निर्माण हुआ है. जिससे नाले के किनारे बने 100 से ज्यादा मकानों के टूटे हिस्से बारिश में गिरने का खतरा बना हुआ है. वहीं स्थानीय लोग प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं कि जब निर्माण समय पर नहीं हो सकता था, तो अतिक्रमण इतनी जल्दी क्यों हटाया गया.

अतिक्रमण हटाने की जल्दबाजी और निर्माण में देरी

जानकारी के अनुसार, पिछले दो महीनों में प्रशासन ने जैतसागर नाले पर बने अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया. 75 फीट चौड़े नाले को अतिक्रमण के कारण 2 फीट तक सीमित कर दिया गया था, जिससे बाढ़ का पानी सड़कों पर आ जाता था. प्रशासन ने 101 मकानों को चिन्हित कर तोड़ दिया, लेकिन नाले का निर्माण धीमी गति से चल रहा है. लोगों को नोटिस देकर कहा गया कि वे अपने घरों की दीवारें खुद बनाएं, वरना हादसे की जिम्मेदारी उनकी होगी. 

बाढ़ से हर साल 20 हजार लोग प्रभावित

जैतसागर झील से निकलने वाला यह नाला मानसून में उफान पर आता है. अतिक्रमण के कारण बाढ़ का पानी घरों में घुस जाता है, जिससे 20 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं. खाने-पीने और रहने की समस्याओं के साथ लोग 72 घंटे तक बाढ़ की मार झेलते हैं. प्रशासन ने 60 करोड़ रुपये के बजट से नाले का निर्माण शुरू किया, लेकिन काम की धीमी रफ्तार से लोग परेशान हैं. 

लोगों ने प्रशासन पर लगाए आरोप

स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर नाला समय पर नहीं बना, तो बारिश में उनके घर टूट सकते हैं. लोगों ने प्रशासन पर जल्दबाजी में अतिक्रमण हटाने और निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाया. तीन साल पहले लोगों ने अतिक्रमण हटाने के लिए आंदोलन किया था, जिसके बाद प्रशासन ने सर्वे कर अतिक्रमण चिन्हित किए. अब लोग चाहते हैं कि निर्माण में तेजी लाई जाए, ताकि बाढ़ का खतरा टल सके. 

मानसून बाद पूरा होगा काम

नगर परिषद की सभापति सरोज अग्रवाल ने कहा कि नाले का निर्माण तेजी से चल रहा है और 45 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. उन्होंने दावा किया कि मानसून के बाद निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. जहां मकान गिरने का खतरा है, वहां ब्लॉक बनाकर सुरक्षा का काम जल्द शुरू होगा. 

काम जल्द पूरा करने की मांग

स्थानीय लोग चाहते हैं कि नाले का निर्माण जल्द पूरा हो, ताकि बारिश में उनके घर सुरक्षित रहें. प्रशासन की लापरवाही और धीमे काम से लोग डरे हुए हैं. अगर समय पर काम पूरा नहीं हुआ, तो बूंदी में बाढ़ का खतरा फिर से गहरा सकता है.

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