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This Article is From Oct 07, 2023

राजस्थान चुनाव से पहले गहलोत सरकार का मास्टरस्ट्रोक, घोषणा के एक दिन बाद ही जाति आधारित सर्वेक्षण का आदेश जारी

Caste Survey in Rajasthan: शुक्रवार शाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ी घोषणा की. कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक के बाद सीएम ने ऐलान किया कि राजस्थान में भी बिहार की तरह जातिगत सर्वेक्षण होगा. उनकी इस घोषणा के एक दिन बाद भी सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण का आदेश जारी कर दिया.

राजस्थान चुनाव से पहले गहलोत सरकार का मास्टरस्ट्रोक, घोषणा के एक दिन बाद ही जाति आधारित सर्वेक्षण का आदेश जारी
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत.

Caste Survey in Rajasthan: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने मास्टरस्ट्रोक चल दिया है. इस चुनावी दांव का सरकार को कितना फायदा मिलेगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन फिलहाल सियासी घमासान के बीच राजनीति के जादूगर गहलोत ने एक बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया है. दरअसल शनिवार को राजस्थान सरकार ने घोषणा के एक दिन बाद ही राज्य में जातिगत सर्वेक्षण का आदेश जारी कर दिया है. शनिवार रात राजस्थान सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण करवाने का आदेश किया है.

सामाजिक न्याय व अधिकारिकता विभाग की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण करायेगी. देर रात जारी आधिकारिक बयान के अनुसार सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी.

इसके अनुसार प्रस्‍तावित सर्वेक्षण में राज्य के समस्त नागरिकों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर के सम्बंध में जानकारी एवं आकंडे़ एकत्रित किए जाएंगे. इसके अनुसार राज्य सरकार द्वारा इनका विशेष अध्ययन कराया जाकर वर्गों के पिछडे़पन की स्थिति में सुधार लाने के लिए विशेष कल्याणकारी उपाय और योजनाएं लागू की जाएगी। बयान के अनुसार इससे सभी वर्गों के जीवन स्तर में सुधार आएगा.

इसके अनुसार राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय की अनुपालना में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा द्वारा इस सम्बंध में आदेश जारी किया गया है.

इसके अनुसार सर्वेक्षण कार्य आयोजना (आर्थिक एवं सांख्यिकी) विभाग द्वारा नोडल विभाग के रूप में सम्पादित किया जाएगा. इसके अनुसार साथ ही, सभी जिला कलेक्टर सर्वेक्षण के लिए नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, ग्राम एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ कार्मिकों की सेवाएं ले सकेंगे.

जातीय सर्वेक्षण के लिए नोडल विभाग द्वारा प्रश्नावली तैयार की जाएगी, जिसमें उन समस्त विषयों का उल्लेख होगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके.

आॉनलाइन फीड किए जाएंगे आंकड़े

बयान के अनुसार सर्वेक्षण से प्राप्त सूचनाएं एवं आंकड़ें ऑनलाइन फीड किए जाएंगे. बयान के अनुसार इसके लिए सूचना, प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग द्वारा पृथक से विशेष सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल ऐप बनाया जाएगा. इसके अनुसार सर्वेक्षण से प्राप्त संकलित की गई सूचनाएं विभाग सुरक्षित रखेगा.

कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक 'एक्स' एकाउंट पर इस आदेश की प्रति साझा करते हुए लिखा गया, ‘‘राजस्थान की कांग्रेस सरकार जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी. कांग्रेस 'जिसकी जितनी भागीदारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी' के अपने संकल्प पर काम कर रही है.''

सर्वेक्षण का मकसद क्या, सीएम ने खुद दी जानकारी

उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य सरकार बिहार के मॉडल को अपनाते हुए राज्य में जातिगत सर्वेक्षण करवाएगी और यह भी एक बड़ा फैसला है. गहलोत ने कहा, ‘‘जनगणना तो भारत सरकार ही करवा सकती है, यह केवल परिवारों का सर्वेक्षण हो रहा है जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति भी पता चल जाएगी. मैं समझता हूं कि बहुत बड़ा निर्णय हुआ है. हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है, हम इसे आगे बढ़ाएंगे.

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