
Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत में हलचल मचाने वाली खबर सामने आई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंता विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने स्टेट एडवोकेट जनरल की रिपोर्ट के आधार पर यह बड़ा फैसला लिया. इस कदम से अंता सीट खाली हो गई है और जल्द ही उपचुनाव की संभावना बन रही है. कंवरलाल ने 2013 से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. इनका नाम हमेशा विवादों में रहा है.
राजनीतिक सफर
कंवरलाल मीणा का सियासी करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा है. साल 2013 में उन्होंने मनोहरथाना सीट से भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक का चुनाव जीता. 2018 में वे चुनावी मैदान में नहीं उतरे लेकिन 2023 में अंता से कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद जैन भाया को हराकर दोबारा विधायक बने.
विवादों में रहा नाम
मीणा का नाम हमेशा विवादों से जुड़ा रहा. 2005 में उपचुनाव के दौरान उन पर तत्कालीन उपखंड अधिकारी रामनिवास मेहता पर पिस्तौल तानने और धमकी देने का गंभीर आरोप लगा. 2020 में कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई जिसे 2025 में राजस्थान हाईकोर्ट ने बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर आत्मसमर्पण का आदेश दिया.
सदस्यता रद्द, सियासी हलचल तेज
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मीणा ने आत्मसमर्पण किया और उन्हें अकलेरा उप-जेल भेज दिया गया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी. कांग्रेस ने इस फैसले में देरी को लेकर स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाया. अब अंता में उपचुनाव की चर्चा जोरों पर है. यह घटनाक्रम राजस्थान की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है.
अंता में होगा उपचुनाव
अंता की जनता और सियासी दलों की नजर अब उपचुनाव पर टिकी है. यह देखना रोचक होगा कि भाजपा और कांग्रेस इस मौके को कैसे भुनाते हैं. दोनों ही पार्टियां इस सीट को जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगा देगी. वह इसलिए क्योंकि अब ये दोनों पार्टियों की नाक का सवाल हो गया है.
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