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'जिला परिषद सदस्य नहीं हो जो इस बैठक में बोल रहे', अपनी पार्टी के युवा मोर्चा अध्यक्ष पर भड़के विधायक

राजस्थान के झालावाड़ में जिला विकास समन्वय बैठक में युवा मोर्चा के अध्यक्ष ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, तो उनकी ही पार्टी के विधायक  ने उन्हें टोककर चुप करा दिया.

'जिला परिषद सदस्य नहीं हो जो इस बैठक में बोल रहे', अपनी पार्टी के युवा मोर्चा अध्यक्ष पर भड़के विधायक
झालावाड़ में जिला विकास समन्वय बैठक में युवा मोर्चा के अध्यक्ष और विधायक में कहासुनी हो गई.

Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक बार फिर सियासी ड्रामा देखने को मिला. जहां जिला परिषद सभागार में सांसद दुष्यंत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में उस समय माहौल गरमा गया, जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष राहुल वर्मा ने नवनिर्मित सड़क के घटिया निर्माण का मुद्दा उठाया.

इस पर स्थानीय विधायक गोविंद रानी पुरिया भड़क गए और उन्होंने राहुल को टोकते हुए कहा कि वह जिला परिषद सदस्य नहीं हैं, इसलिए बैठक में बोलने का उन्हें हक नहीं. यह सुनकर नाराज राहुल वर्मा उठकर बैठक से बाहर चले गए.

जानें क्या था पूरा मामला

बैठक में सांसद दुष्यंत सिंह, स्थानीय विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और भाजपा के कई नेता मौजूद थे. सांसद ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से पूर्ण और चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली. इसी दौरान मनोहर थाना क्षेत्र के रहने वाले राहुल वर्मा ने इलाके में बनी नई सड़क की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया.

उन्होंने सांसद से शिकायत करते हुए सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की आशंका जताई. लेकिन उनकी बात पूरी होने से पहले ही विधायक गोविंद रानी पुरिया ने उन्हें बीच में रोक दिया. विधायक ने नसीहत भरे लहजे में कहा, "आप जिला परिषद सदस्य नहीं हैं, इसलिए इस बैठक में बोलने की जरूरत नहीं।" इस टिप्पणी से राहुल को ठेस पहुंची और वह तुरंत बैठक छोड़कर चले गए।

महिला जनप्रतिनिधियों की जगह परिजनों का दबदबा

बैठक में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई. कई महिला जनप्रतिनिधियों की जगह उनके परिजन बैठे नजर आए और उन्होंने ही उनके बदले अपनी बात रखी.यह स्थिति जिले में लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन इस बार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवा नेता को टोकना चर्चा का विषय बन गया.

राहुल वर्मा के समर्थकों का कहना है कि सड़क निर्माण में खामियों को उजागर करना उनका हक था, लेकिन विधायक का रवैया निराशाजनक रहा।

लोगों ने जताई नाराजगी 

राहुल वर्मा के समर्थकों और स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा है. उनका कहना है कि जब एक युवा नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल रहा था, तो उसे चुप कराने की बजाय उसकी बात सुननी चाहिए थी.

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