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रींगस-खाटू श्यामजी रेल लाइन को मंजूरी, राजस्थान को मिली बड़ी सौगात, रेल मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी

Railway Project in Rajasthan: रेलवे के क्षेत्र में राजस्थान को बड़ी सौगात मिली है. रींगस-खाटू श्यामजी रेल लाइन को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ-साथ राजस्थान में 4894 किमी की 54 रेल परियोजनाओं के सर्वेक्षण कार्य को भी स्वीकृत किया गया है.

रींगस-खाटू श्यामजी रेल लाइन को मंजूरी, राजस्थान को मिली बड़ी सौगात, रेल मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव.

Railway Project in Rajasthan: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम जी के दरबार में हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. खाटू श्याम का दर्शन-पूजन के लिए पूरे देश से भक्तों का तांता लगा रहता है. लेकिन खाटू श्याम जी तक रेल लाइन नहीं होने के कारण भक्तों को रींगस उतरकर टैक्सी, बस या अन्य साधनों से मंदिर तक जाना होता है. लेकिन अब खाटू श्याम के भक्तों की मांग पर केंद्र सरकार ने रींगस से खाटू श्यामजी (Ringas-Khatu Shyamji Railway Line) तक नई रेल लाइन को मंजूरी दे दी है. इस बात की जानकारी शुक्रवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में दी. 

रींगस-खाटू श्यामजी नई रेल लाइन के बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि मार्च 2024 में 254.06 करोड़ की लागत से रींगस-खाटू श्यामजी (17.49 किमी) नई रेल लाइन के काम को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए खाटू श्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ (45 किमी) के बीच नई रेल लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण भी किया गया है.

इसके अलावा रेल मंत्री ने यह भी बताया कि राजस्थान में वर्तमान की जो रेलवे लाइनें है, वे ब्रिटिशकाल के दौरान बनी थी. आजादी के बाद से प्रदेश के अलग अलग स्थानों और जिलों से बार बार नई रेलवे लाइनों की मांग लगातार उठती रही है, लेकिन मात्र 10 प्रतिशत ही नई रेल लाइनें बिछाई जा सकी. मगर अब रेलवे लाइनों के विकास और विस्तार को लेकर रेलवे काफी गंभीर है.

अब नई रेलवे लाइनों के सर्वेक्षण किए जा रहे हैं और उनकी उपादेयता और यात्री भार की जांच की जा रही है. इसी क्रम में वर्तमान में राजस्थान में 4894 किलोमीटर की 54 रेल परियोजनाओं के सर्वेक्षण कार्य स्वीकृत किए गए हैं.

राजस्थान में 4894 किमी रेलवे ट्रैक का सर्वेक्षण स्वीकृत

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में राज्य में रेल परियोजनाओं की संसद में जानकारी देते हुए यह बात बताई. रेल मंत्री ने बताया कि पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के तहत पिछले तीन वर्षों (2021-22, 2022-23, 2023-24) और चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान राजस्थान राज्य में पूर्णतः या आंशिक रूप से आने वाली 23 नई लाइन और 31 दोहरीकरण के सर्वेक्षण स्वीकृत किये गए है, जिनकी कुल लंबाई 4,894 किलोमीटर है. 

उत्तर पश्चिम रेलवे के पीआरओ ने दी जानकारी

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार 1 अप्रैल 2024 तक, 51814 करोड़ रुपये की लागत से 4191 किमी लंबाई वाली 32 रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं है, जिनमें 15 नई लाइनें, 05 आमान परिवर्तन और 12 दोहरीकरण की योजनाएं हैं, जो पूरी तरह या आंशिक रूप से राजस्थान में आती हैं. यह परियोजनाएं योजना, अनुमोदन व निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं. जिसमें से 1183 किलोमीटर लंबाई की रेल परियोजनाएं चालू हो गई हैं. इन परियोजनाओं पर मार्च 2024 तक 14785 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

इन रेल परियोजनाओं पर चल रहा काम

  1. राजस्थान में 20997 करोड़ की लागत से 1230 किलोमीटर कुल लंबाई की 15 नई लाइन परियोजनाएं है, जिनमें से 134 किलोमीटर लंबाई चालू हो गई है और मार्च 2024 तक 3593 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. 
  2. इसी प्रकार 8334 करोड़ की लागत से 1252 किलोमीटर कुल लंबाई की 5 गेज परिवर्तन परियोजनाएं जारी है, जिनमें से 759 किलोमीटर की लंबाई चालू हो गई है और मार्च 2024 तक 5398 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
  3. इसी तरह 22483 करोड़ की लागत से 1709 किलोमीटर लंबाई की 12 दोहरीकरण परियोजनाएं ऐसी है, जिनमें से 290 किमी लंबाई में 100 किलोमीटर लंबी लाइन चालू हो चुकी है और मार्च 2024 तक इस पर 5794 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं.  


बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बजट आवंटन में वृद्धि

रेल मंत्री ने बताया कि 2014 से, राजस्थान में रेलवे के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और अनुरूप कमीशनिंग के लिए बजट आवंटन में पर्याप्त वृद्धि हुई है. राजस्थान राज्य में पूर्णतः या आंशिक रूप से आने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सुरक्षा कार्यों और अनुरूप कमीशनिंग के लिए औसत वार्षिक बजट 2009-14 के दौरान औसत आवंटन 682 करोड़ से बढ़ाकर लगभग 15 गुना अधिक 2024-25 के लिए 9959 करोड़ किया गया है. 

इसी प्रकार अवधि 2009-14 में रेल कमीशनिंग के संबंध में औसत 2009-14 में 798 किमी (159.6 किमी/वर्ष) से 2 गुना से अधिक वृद्धि बढ़कर 2014-24 में रेल कमीशनिंग 3742 किमी (374.2 किमी/वर्ष) की गई है.

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