Rajasthan News: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पूरे देश में नेता अपने-अपने प्रत्याशियों को जीताने के लिए ताकत झोंक रहे हैं. वहीं जहां सत्ता पक्ष के नेता विपक्ष पर वार कर रही है. तो वहीं विपक्ष के नेता सत्ता पक्ष से सवाल पूछ रहे हैं. राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को किया जाएगा. वहीं पहले चरण में ही दौसा लोकसभा सीट पर मतदान होना है. ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेता और स्टार प्रचारक सचिन पायलट (Sachin Pilot) दौसा में चुनावी सभा करने पहुंचे. यहां महवा के गाजीपुर खावड़ा में कांग्रेस प्रत्यासी मुरारी लाल मीणा के समर्थन में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने बीजेपी से बड़ा सवाल पूछा है.
सचिन पायलट ने पूछा है कि बीजेपी और RSS के लोग 400 सीट मांग रही है. तो यह संविधान में किस बदलाव के लिए चाहिए. ऐसा कौन सा संविधान में बदलाव करना चाहती है. बीजेपी 400 का आंकड़ा पार करने के लिए बैठी है, जबकि उनको महिलाओं के बारे में, बेरोजगारी के बारे में, गरीबी मिटाने के बारे में सोचना चाहिए. पिछले 10 सालों का टारगेट बीजेपी पूरा नहीं कर पा रही है और अब वह 2047 की बात कर रहे हैं.
बीजेपी को हो गया है घमंड
सचिन पायलट ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे लगता है बीजेपी में अहम और घमंड हो गया है, जिसको बराबर करने का लोकतंत्र में एक ही जरिया है. वह है 'जनता' जब 19 अप्रैल को राजस्थान में प्रथम चरण के लिए मतदान किया जाएगा. उसे समय कांग्रेस के पक्ष में मतदान होगा. पायलट ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कहा कि हम तो भारत जोड़ने की बात कर रहे हैं, हर नरेगा मजदूर की मजदूरी ₹400 करने की बात कर रहे हैं साथ ही गरीब परिवार को 1 लाख रुपये देने की बात कर रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है. हम तो भारत जोड़ने की बात कर रहे हैं राहुल गांधी पैदल चल रहे हैं लोगों को गले भी लगा रहे हैं. लोगों के दुख बांट रहे हैं, हम तो लोगों को मरहम लगाने का काम कर रहे हैं. जबकि लोगों को लड़ाने का काम तो बीजेपी कर रही है.
नेताओं को नैतिकता वाले शब्द इस्तेमाल करने चाहिए
सचिन पायलट ने राजनीति में नए शब्दों की शब्दावली नाग सांप बुआ फूफा वाले सवाल पर कहा कि राजनीति में शब्दों का इस्तेमाल बहुत सोच समझकर होना चाहिए. विरोधी का भी सम्मान होना चाहिए जनता हमारे शब्दों को बहुत ध्यान से सुनती है. इसलिए शब्दावली का प्रयोग बहुत सोच-समझकर करना चाहिए. हमने विरोधियों का विरोध सैद्धांतिक नैतिकता से की है. इस राजनीति में लोगो को नैतिकता रखते हुए शब्दों का प्रयोग करना चाहिए.