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This Article is From Nov 02, 2023

कौन हैं साध्वी अनादि सरस्वती, जो भाजपा छोड़ कांग्रेस में हुईं शामिल; अजमेर नॉर्थ से मिल सकता है टिकट

Sadhvi Anadi Saraswati Profile: भाजपा की फायरब्रांड नेता साध्वी अनादि सरस्वती ने कांग्रेस का थामन थाम लिया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री गहलोत और प्रभारी रंधावा की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. साध्वी को अजमेर नॉर्थ सीट से कांग्रेस चुनावी मैदान में उतार सकती है.

कौन हैं साध्वी अनादि सरस्वती, जो भाजपा छोड़ कांग्रेस में हुईं शामिल; अजमेर नॉर्थ से मिल सकता है टिकट
भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुईं साध्वी अनादि सरस्वती.

Sadhvi Anadi Saraswati Profile: राजस्थान में चुनाव से पहले राजनीतिक सक्रियता बढ़ी हुई है. कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा अपने-अपने नफा-नुकसान के तहत सामाजिक, धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों को अपने पाले में जोड़ रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को कांग्रेस ने साध्वी अनादि सरस्वती को अपने पाले में जोड़ा. वो पहले भाजपा में थी. बीते दिनों उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा दिया था. उनकी गिनती भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में होती थी. वो भाजपा से टिकट भी मांग रही थी. लेकिन भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर साध्वी अब कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं.

कांग्रेस साध्वी अनादि सरस्वती को अजमेर उतरी सीट से विधानसभा के चुनावी मैदान में उतार सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने साध्वी अनादि को कांग्रेस में  ज्वाईन कराया. कांग्रेस में शामिल होने के बाद साध्वी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विचारधारा और काम से बहुत प्रभावित हुई. अगर मेरे भाग्य में चुनाव लड़ना होगा तो मैं लडूंगी.

भाजपा ने नारी शक्ति को बढ़ाने का झूठा वादा किया

साध्वी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि मैंने भारतीय जनता पार्टी से भी टिकट मांगा. पार्टी ने नारी शक्ति बंधन अधिनियम लाकर महिलाओं को आगे बढ़ाने का वादा तो किया था, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ किया नहीं. अजमेर की बात करते हुए साध्वी ने कहा कि पिछले 20 सालों में अजमेर में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. इस बार कांग्रेस की सरकार है तो भांडा कांग्रेस के ऊपर फोड़ा जा रहा है.

जानिए कौन हैं साध्वी अनादि सरस्वती
साध्वी अनादि सरस्वती मूल रूप से सिंधी हैं. अजमेर के लोहगल रोड में उनका आश्रम है. उनका असली नाम ममता कालानी है. वह शहीद हेमू कालानी के परिवार से हैं. कांग्रेस से पहले वह भाजपा में रही. लेकिन इस बार टिकट नहीं मिलने पर वो अब कांग्रेस में शामिल हो गई हैं.  

साध्वी अनादि सरस्वती ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र भेज कर भाजपा से इस्तीफा दे दिया था. अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद साध्वी को अजमेर नॉर्थ सीट से भाजपा के तीन बार से लगातार जीतने वाले विधायक वासुदेव देवनानी खिलाफ के खिलाफ चुनाव लड़ाए जाने की चर्चा है. हालांकि साध्वी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनका विरोध भी हो रहा है. 

अजमेर के कांग्रेसी और अल्पसंख्यकों में नाराजगी 
साध्वी अनादि सरस्वती के कांग्रेस में आने पर विरोध शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फैसले को अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने चुनौती दी है. शहर कांग्रेस की बैठक में दर्ज हुआ औपचारिक विरोध हुआ. अध्यक्ष विजय जैन ने कहा- हमारा विरोध विचारधारा को लेकर है, साध्वी अनादि ने जीवन भर कांग्रेस को गालियां दी है. अभी तो पार्टी में आने का विरोध है.

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