Rajasthan News: राजस्थान के डीडवाना कलेक्ट्रेट के सामने गुरुवार (20 नवंबर) को ऐतिहासिक दिन बन गया, जब कस्टोडियन जमीनों को सरकारी घोषित करने और हाल ही में हुए आवंटन के विरोध में किए जा रहे महापड़ाव में महिलाओं का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा. किसानों के महापड़ाव के 11वें दिन हजारों महिलाओं ने सड़क पर उतरकर सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. महापड़ाव स्थल से शुरू हुई आक्रोश रैली कलेक्ट्रेट पहुंचते ही जनसैलाब में बदल गई.
इस दौरान महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सारिका सिंह चौधरी, माकपा सीकर की कॉमरेड सुमित्रा, कॉमरेड तारा, पूर्व विधायक चेतन डूडी की पत्नी सुमन डूडी सहित हजारों महिलाओं ने कस्टोडियन जमीनों के सरकारी आवंटन के निर्णय का विरोध करते हुए प्रशासन को चेतावनी दी.
आजादी से पहले से किसान कर रहे यहां खेती
महिलाओं ने कहा कि 19 गांवों के किसान आजादी से पहले और बाद से लगातार इन जमीनों पर खेती करते आए हैं. यह जमीनें उनकी आजीविका का आधार हैं, जिन्हें जिला प्रशासन जबरन छीनने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने बताया कि आंदोलन को 11 दिन हो चुके हैं लेकिन सरकार ने अब तक कोई सुनवाई नहीं की, न ही वार्ता का प्रयास किया. महिलाओं ने मंच से साफ कहा कि जब-जब महिलाओं ने हक की लड़ाई लड़ी है, सरकारें झुकी हैं और इस बार भी किसानों की जमीनें छीनी नहीं जाएंगी. अगर सरकार ने अभी भी निर्णय वापस नहीं लिया तो आंदोलन पूरे जिले में और उग्र रूप लेगा.
किसान संघर्ष समिति और अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में चल रहा यह आंदोलन अब माकपा, कांग्रेस, आरएलपी सहित कई राजनीतिक दलों का जनसमर्थन पा चुका है. महिलाएं एक सुर में कहती दिखीं कि कस्टोडियन जमीनों को सिवाय चक घोषित करने तथा सरकारी दफ्तरों के लिए किए गए आवंटन को पूर्णतः रद्द किया जाए.
किसानों को जमीनों से किया जा रहा बेदखल
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष, सारिका सिंह चौधरी ने कहा कि दिल्ली में मोदी और अमित शाह की सरकार आने के बाद किसानों का शोषण बढ़ा है उद्योगपतियों के फायदे के लिए किसानों को जमीनों से बेदखल किया जा रहा है. डीडवाना में 11 दिन से किसान न्याय मांग रहे हैं, लेकिन सरकार मौन है. अगर हक नहीं मिला, तो आंदोलन और तेज होगा. सीकर से आई कॉमरेड सुमित्रा ने कहा कि प्रशासन 19 गांवों की पीढ़ियों से जोती जा रही जमीनों को सरकारी बताकर किसानों को निकालना चाहता है. यह अन्याय हम किसी भी हाल में होने नहीं देंगे. कॉमरेड तारा ने कहा कि नारी शक्ति जब हक की लड़ाई में उतरती है तो सरकारों को झुकना पड़ता है. यह आंदोलन अब और बड़े रूप में उभरेगा, अगर किसानों को उनकी जमीन वापस नहीं मिली.
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