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This Article is From Aug 03, 2023

जानिए क्या है 'बैजबॉल', कैसे हुई इसकी शुरुआत और इंग्लैंड के लिए कितना कारगर हुआ साबित?

न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकुलम जब से इंग्लैंड टेस्ट टीम के कोच बने हैं , उन्होंने पूरी तरह से टीम की काया पलट कर रख दी है. बेन स्टोक्स के साथ मिलकर उन्होंने क्रिकेट में जो अप्रोच अपाना उसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है.

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जानिए क्या है 'बैजबॉल', कैसे हुई इसकी शुरुआत और इंग्लैंड के लिए कितना कारगर हुआ साबित?

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले, सीरीज के दौरान और सीरीज के बाद एक शब्द की काफी चर्चा हुई और यह था बैजबॉल. इंग्लैंड के बल्लेबाज सीरीज के दौरान कई अतरंगी शॉट खेलते हुए दिखाई दिए. जो रूट और इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने पूरी सीरीज के दौरान जिस तरह से बल्लेबाजी कि, उसमें शॉट खेलने की स्वतंत्रता की झलक दिखाई दी, वो भी ऐसी स्थिति में जब टीम मुश्किल परिस्थिति में थी. इसके अलावा कप्तान बेन स्टोक्स ने सीरीज के पहले मुकाबले में मैच के रिजल्ट के लिए पारी घोषित कर दी थी, वो भी तब जब जो रूट आक्रमक बल्लेबाजी कर रहे थे.  लेकिन यह बदलाव यूंहि नहीं आया था.

जब से इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स बने और न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकुलम कोच बने, इंग्लैंड की ना सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि उनकी गेंदबाजी और टीम के इंटेंट में भी बदलाव देखने को मिला है. इंग्लैंड की कोशिश होती है कि किसी मुकाबले को ड्रा की बजाए उसका रिजल्ट लाया जाए और इंग्लैंड के इसी बदले हुए इंटेंट को लेकर बैजबॉल की चर्चा हो रही है.

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बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम की बनी जोड़ी

दरअसल, इंग्लैंड को जो रूट की अगुवाई में एक के बाद एक टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था. इंग्लैंड विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले चक्र के दौरान संघर्ष करती हुई दिखाई दी. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले चक्र के दौरान इंग्लैंड अंक तालिका में 9वें स्थान पर रही और सिर्फ भारत के खिलाफ जीत दर्ज करने में सफल हो पाई. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इंग्लैंड को एशेज सीरीज में मुंह की खानी पड़ी थी. इंग्लैंड को वेस्टइंडीज पर 1-0 की हार का सामना करना पड़ा.

इसके बाद जो रूट ने टेस्ट कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया. जो रूट के इस फैसले के बाद 28 अप्रैल 2022 को बेन स्टोक्स का इंग्लैंड का कप्तान बनाया गया. बेन स्टोक्स को कप्तान बनाने के कुछ दिनों बाद न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकुलम को क्रिस सिल्वरवुड की जगह कोच बनाया गया.

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ब्रेंडन मैकुलम की पहचान एक ऐसे क्रिकेटर की रही, जिन्होंने अपने करियर के दौरान एक नए तरह की क्रिकेट खेलने की बात कही और न्यूजीलैंड टीम में यह बदलाव भी दिखा. ऐसे में जब  ब्रेंडन मैकुलम इंग्लैंड के टेस्ट टीम के मुख्य कोच बने, तो यह बदलाव वो यहां भी लेकर आए.

कहां ये आया बैजबॉल

बैजबॉल शब्द का सबसे पहला इस्तेमाल किसने किया, इसको लेकर तो कोई ठोक जानकारी नहीं है, लेकिन माना जाता है कि ब्रेंडन मैकुलम जो अपने आक्रमक खेल के लिए पहचाने जाते थे, उन्हें उनके साथी 'Baz' उपनाम से बुलाते थे और इसी के साथ 'Ball' शब्द को जोड़कर बैजबॉल शब्द का इजाद हुआ.

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हालांकि, बैजबॉल केवल आक्रमकता के साथ खेलने या फिर एक निर्धारित रणनीति के बारे में नहीं है, बल्कि यह अप्रोच है, जिसके तहत इंग्लैंड की टीम खेल रही है. इंग्लैंड के कई खिलाड़ी इसे फ्रीडम कहते हैं. स्टोक्स और मैकुलम की जोड़ी के कमान संभालने के बाद से इंग्लैंड की टीम में अहम बदलाव आया है. बल्लेबाजी के समय टीम की कोशिश होती है तेजी से रन बटोरने की और जब गेंदबाजी होती है तो उसमें जल्दी से जल्दी विकेट हासिल करने की टीम कोशिश करती है.

इंग्लैंड के बैजबॉल की पहली झलक न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में देखने को मिली थी, जहां टीम ने तीन मैचों की सीरीज में तीनों मुकाबले में जीत दर्ज की थी. इसके बाद टीम ने भारत को हराया और फिर दक्षिण अफ्रीका का सामना किया. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद बैजबॉल को लेकर टीम की आलोचना हुई, लेकिन फिर टीम ने दूसरे मैच में जीत दर्ज की. इंग्लैंड का कारवां यहीं नहीं रुका.

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पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के पहले मुकाबले में टीम ने पहले ही दिन 500 से अधिक रन बोर्ड पर लगा दिए थे. वहीं जब टीम एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के सामने आई तो बेन स्टोक्स की कप्तानी की आलोचना हुई, क्योंकि उन्होंने पहली पारी 393 रनों पर घोषित कर दी थी और उस दौरान जो रूट 118 रनों पर नाबाद थे और तेजी से रन बना रहे थे. रूट ने अपनी पारी के दौरान 4 छक्के लगाए थे. इंग्लैंड को इस मैच में 2 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था.

इंग्लैंड के लिए कारगर 'बैजबॉल'

बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम की जोड़ी के कमान संभालने के बाद इंग्लैंड ने एक कैलेंडर ईयर में तीन पांच सप्ताह के अंदर चार बार चौथी पारी में 250 से अधिक का स्कोर करने मैच अपने नाम किया था. टेस्ट इतिहास में इससे पहले कोई भी टीम तीन बार भी ऐसा नहीं कर पाई थी और इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से स्थितियां पलटी हैं.

बीते दो साल में इंग्लैंड टीम ने टेस्ट में 4 से अधिक से स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, जो किसी भी दूसरे टेस्ट प्लेइंग नेशन से अधिक हैं. एशेज सीरीज 2023 के समाप्त होने के बाद तक इंग्लैंड ने बेन स्टोक्स की अगुवाई में 18 मैच खेले हैं और इस दौरान सिर्फ एक मैच ड्रा हुआ है और बाकी के 18 मुकाबलों के रिजल्ट आए हैं.  इंग्लैंड इस दौरान 13 मैच जीतने में सफल हुआ है, जबकि 4 में टीम को हार का सामना करना पड़ा है.

इसके अलावा एक और अहम आंकड़े पर गौर करते हैं. इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने जुलाई 2022 से पहले के 10 सालों में 408 अर्द्धशतक लगाए थे और इस दौरान सिर्फ 15 अर्द्धशतक ऐसे थे, जो 50 के कम बॉल पर लगे थे, लेकिन जुलाई 2022 से बाद से इंग्लैंड के बल्लेबाज 65 अर्द्धशतक लगा चुके हैं और 15 बार यह अर्द्धशतक 50 से कम गेंदों पर आए हैं.

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