ED Raid News: आचार संहिता लागू होने के बाद से ही राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. शुक्रवार को भी कथित जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कार्रवाई करते हुए ईडी ने कुछ मंत्रियों और आईएएस के परिसरों सहित कई स्थानों पर छापे मारे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव IAS सुबोध अग्रवाल के परिसर सहित दौसा और राज्य की राजधानी जयपुर में कुल 25 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं. छापेमारी वाली जगहों में मंत्री महेश जोशी का दफ्तर भी शामिल है. सूत्रों की मानें तो इस मामले से जुड़े कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में सितंबर में भी इसी तरह की छापेमारी की थी.
20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था. जून महीने में मीणा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, 'प्रधानमंत्री ने बजट में 2019 में घोषणा की थी, शुद्ध जल हर घर तक पहुंचाना है. हर घर जल हर घर नल में करोड़ों रुपए राज्य सरकार ने दिया. राजस्थान सरकार हर घर नल पहुंचाने में सबसे फिसड्डी है. इसमें भी हजारों करोड़ का घोटाला किया गया. नियम कायदे कानून को तोड़कर गणपति ट्यूबबेल कंपनी और श्री श्याम ट्यूबल कंपनी शाहपुरा को ठेका दिया. दोनों कंपनियों ने 1000 करोड़ का घोटाला किया. गणपति कंपनी ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर 2 साल में 900 करोड़ के वर्क आर्डर लिए. घोटाले में पीएचईडी के कई अधिकारी शामिल हैं. ई-मेल आईडी और प्रमाण पत्र भी फर्जी हैं. भारत सरकार के उपक्रम इरकॉन के नाम पर फर्जी लेटर हेड पर राजस्थान सरकार ने वर्क ऑर्डर जारी कर दी. इस मामले में 20, 000 करोड़ का मोटा-मोटा खेल हुआ है.'
'कार्रवाई करो नहीं तो ED में जाऊंगा'
किरोड़ी ने आरोप लगाते हुए उस वक्त कहा था कि, 'जल जीवन मिशन के 48 प्रोजेक्ट 30 से 40% ज्यादा टेंडर दिए गए हैं. नियमानुसार 10% से ज्यादा नहीं जा सकती. लेकिन जो फर्म ने चाहा वह सुबोध अग्रवाल ने कर दिया. मंत्री की भी इस पर सहमति ले ली गई. 48 प्रोजेक्ट 20 हजार करोड़ से ज्यादा के हैं. 12 अप्रैल 2023 को वित्त विभाग ने आदेश दिया कि केंद्र सरकार से 50% दे सकती है, उसकी स्वीकृति लेकर कार्य किए जाए. केंद्र सरकार की स्वीकृति लिए बिना राज्य का पीएचडी विभाग करोड़ों रुपए के काम कर रहा है. मंत्री और एसीएस जल संसाधन सुबोध अग्रवाल 20000 करोड़ के घोटाले में शामिल हैं. थाने में एसएस सुबोध अग्रवाल और मंत्रियों के खिलाफ संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएंगे. मुख्य सतर्कता अधिकारी को ज्ञापन देकर जांच करने का आग्रह किया जाएगा. तीन पत्र देने के बाद भी acs ने तो ऐसी कार्रवाई की है. मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया तो मुख्य सतर्कता आयुक्त को देंगे, सुनवाई नहीं की तो ईडी में भी शिकायत करेंगे.'