Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय सबसे ज्यादा इंतजार कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट का किया जा रहा है. भाजपा की पहली लिस्ट तो चुनाव की घोषणा के दिन ही आ गई. लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है. आज प्रत्याशियों के चयन को लेकर दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होनी है. गौरव गोगोई की अध्यक्षता में होने वाली इस मीटिंग में सीएम अशोक गहलोत के अलावा पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और विधायक सचिन पायलट भी शमिल होंगे. इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अन्य नेता दिल्ली पहुंचेंगे. इससे पहले 14 अक्टूबर को भी कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई थी. आज होने वाली कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ा बयान दिया है.
मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि गुड गर्वनेंस मैंने दी है. मुझे लगता है कुछ गलतियां मुझसे भी हो सकती है. जो फैसले होते हैं, चाहे टिकटों में हो, सरकार में हो, गलतियां किसी भी पार्टी से हो सकती है, किसी भी नेता से हो सकती है. मुझसे भी हो सकती है.
लोगों को पता है मैंने 5 साल कैसे चलाएः गहलोत
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि इस बात जनता और हमारे कार्यकर्ता को मालूम है कि पांच साल कैसे निकाले मैंने, कोरोना में निकाल दिए, सरकार गिरा रहे थे. मैंने बचा लिया. आलाकमान के आशीर्वाद से, जनता का प्यार मेरे साथ रहा. लोग सबक सिखाएंगे उन तत्वों को, बीजेपी के उन बड़े नेताओं को जिन्होंने सरकार गिराने की कोशिश की. लोगों में इस बात का गुस्सा है कि मेरी चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश करने वाले आप कौन हो.
डेमोक्रेसी को बचाना है कांग्रेस को लाना पड़ेगाः गहलोत
संकट के समय में गहलोत सरकार की मदद करने वाले मौजूदा और निर्दलीय विधायकों के लिए सीएम गहलोत ने कहा कि आरएसएस ने ही करप्शन की बात चलाई थी. अगर विधायक करप्ट होते तो 10 करोड़ की पहली किश्त दी थी, जिन्होंने ली होगी पहली किश्त, उनको भी कोई नहीं पूछ रहा. महाराष्ट्र में पैसे लिए होंगे, कर्नाटक में लिए होंगे, राजस्थान में किसी ने पैसे लिए होंगे. लेकिन इसके बाद भी मैंने पांच साल सरकार चलाई. डेमोक्रेसी को बचाना है, तो कांग्रेस को लाना पड़ेगा,कांग्रेस ही इस देश में डेमोक्रेसी को बचा सकती है.
संकटमोचक विधायकों की पैरवी कर रहे सीएम गहलोत
मालूम हो कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत की तनातनी के बीच जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर संकट मंडराया था, तब निर्दलीय और दूसरे दलों से आएं विधायक की मदद से गहलोत अपनी सरकार बचाने में सफल हुए थे. उस समय निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, महादेव सिंह खंडेला, रामकेश मीणा, बाबूलाल नागर सहित अन्य ने गहलोत का साथ दिया था.
इसके अलावा बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए वाजिब अली, संदीप यादव, जोगेंद्र अवाना, लाखन मीणा सहित अन्य विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ दिया था. ऐसे में अब सीएम गहलोत सरकार बचाने में संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले विधायकों की पैरवी करते नजर आ रहे हैं.
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