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Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में गर्मी से कितने लोगों की हुई मौत? मंत्री बोले- 12, विभाग कह रहा- 6, लोगों का दावा कुछ और ही

Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में गर्मी और हीट स्ट्रोक से हो रही मौत के अलग-अलग आंकड़ों से लोगों में भ्रम जैसी स्थिति हो गई है. प्रदेश के आपदा प्रबंधन मंत्री ने 12 मौतें की बात कही है. लेकिन विभाग 6 लोगों की मौत की जानकारी दे रहा है.

Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में गर्मी से कितने लोगों की हुई मौत? मंत्री बोले- 12, विभाग कह रहा- 6, लोगों का दावा कुछ और ही
भीषण गर्मी के बीच चेहरे पर पानी छोंक राहत की उम्मीद में जुटा युवक.

Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में बीते कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है. प्रदेश के कई शहरों में लगातार तापमान 45 के पार जा रहा है. बाड़मेर में गुरुवार को सबसे अधिक 48.8 प्रतिशत तापमान रिकॉर्ड किया गया था. भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक के कारण प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लोगों की मौत भी हो रही है. बात गुरुवार को करें तो प्रदेश में हीट स्ट्रोक से 9 लोगों की मौत की बात सामने आई थी. शुक्रवार सुबह राजस्थान के आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने 12 मौतों की जानकारी दी. लेकिन शुक्रवार दोपहर बाद आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी जानकारी में हीट स्ट्रोक से 6 लोगों की मौत की जानकारी दी गई. 

राजस्थान में हीट स्ट्रोक से हुई मौत को लेकर सामने आए अलग-अलग आंकड़े से भ्रम जैसी स्थिति हो गई है. दूसरी ओर विभाग और मंत्री से इतर लोगों का दावा कुछ और ही है. बाड़मेर, जालौर सहित अन्य शहरों में जहां भीषम गर्मी से लोगों की जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहां के लोगों की माने तो हीट स्ट्रोक और गर्मी के कारण मौतों का सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है. कुछ लोगों ने दावा किया कि दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत गर्मी से हो चुकी होगी.  

केवल बाड़मेर ही नहीं प्रदेश के कई शहरों में गुरुवार को पारा 47 के ऊपर रिकॉर्ड हुआ. गुरुवार को बाड़मेर में 48.8 डिग्री, फलौदी में 48.6 डिग्री, जैसलमेर में 47.5 डिग्री, जोधपुर शहर में 47.4 डिग्री तो चूरू में 47 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ था.

मंत्री और विभाग के आंकड़े अलग-अलग

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बयान से इतर राजस्थान आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश में हीट वेव से छह लोगों की मौत होना माना है. मीणा ने राजस्थान में हीट स्ट्रोक से 12 लोगों की मौत का आधिकारिक बयान जारी किया था. आपदा प्रबंधन ने जारी आंकड़ों में बताया गया है कि अभी तक प्रदेश में हुई 12 मौतों में से छह मौत ही हीट स्ट्रोक से होना पुष्ट हुआ है. हीट स्ट्रोक से मरने वालों में बालोतरा के तीन भीलवाड़ा बीकानेर और जोधपुर का एक-एक व्यक्ति शामिल है.



जालौर, अलवर और जैसलमेर की मौत को नहीं मान रहा विभाग

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अलवर में एक, जालौर में चार, जैसलमेर में एक व्यक्ति की हीट वेव से मौत होने की पुष्टि नहीं की है. जबकि में अलवर में विषैला पदार्थ खाने से, जालौर में परिजनों के पोस्टमाटम से मना करने और जैसलमेर में मृत्यु का कारण पता लगाया जा रहा है. इन मामलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आना शेष है. इसके अलावा राजस्थान में भीषण गर्मी के दौर में आपदा प्रबंधन ने नई गाइडलाइंस जारी की है। आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जिला कलक्टर्स को हीटवेव हीटवेव से बचाव आवश्यक व्यवस्था और मॉनिटरिंग के लिए ज़रूरी कदम उठाने के लिए कहा गया है.

हीट वेब से मौत के मामले में विभाग द्वारा जारी किया गया रिकॉर्ड.

हीट वेब से मौत के मामले में विभाग द्वारा जारी किया गया रिकॉर्ड.

हीट वेब के बचने के लिए विभाग ने जारी की एडवाइजरी

आपदा प्रबंधन विभाग की गाइडलाइन में हीटवेव के आमजन को अत्यधिक गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए एडवायजरी का व्यापक प्रचार प्रसार करना शामिल है. जिलों में विभिन्न विभागों में ब्लॉक स्तर तक समन्वय स्थापित करने, जिलें में चिकित्सा विभाग से समन्वय करते हुए हीटवेव के हीट स्ट्रोक के उपचार के लिए आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने करने के निर्देश दिए हैं. 

हीटवेब से बचने के लिए जारी एडवाइजरी में कही गई ये बात

हीटवेव से आमजन के बचाव के लिए विभिन्न चिकित्सा संस्थानों और पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पतालों मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में चिन्हित डेडीकेटेड वार्डों और एम्बुलेसों दवाईयों, उपकरणों, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ की उपलब्धता सुनिश्चित की गई हैं. समस्त धार्मिक और  पर्यटन स्थलों पर पीने का पानी, छाया की व्यवस्था की की जा रही है.

ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग, स्थानीय निकाय विभाग, नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत समिति, ग्राम पंचायतों जनसहयोग भामाशाहों को प्रेरित करते हुए सार्वजनिक और पर्यटन स्थलों मुख्य ट्रैफिक सिग्नलों, बस स्टेण्ड इत्यादि पर पीने का पानी, ओ.आर.एस पैकेट, छाया की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है.

नरेगा श्रमिकों की टाइमिंग बदली, पशुधन के लिए भी व्यवस्था

नरेगा श्रमिको के लिए दिन के पीक हीटवेव में काम के समय में परिवर्तन की समुचित पालना करवाने, श्रमिको मजदूरों के कार्यसमय के संबंध में एडवायजरी जारी की गई है. सभी उद्योग स्थलों पर छाया-पानी की व्यवस्था की जा रही है. स्कूलों के समय में हीटवेव को देखते हुए आवश्यक परिवर्तन की समुचित पालना करवाने और आउटडोर गतिविधियों पर रोक लगाई गई है. पशुधन के लिए चारे पानी आवश्यक दवाईयां की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. विद्युत वितरण कम्पनीयों के हॉस्पिटल में प्राथमिकता के आधार पर पावर सप्लाई करना सुनिश्चित किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें -  राजस्थान में हीटवेव के कारण 12 लोगों की मौत की पुष्टि, मंत्री ने किया राहत पैकेज का ऐलान

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