संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल परिसर में बने रेजिडेंट डॉक्टर्स हॉस्टल में अव्यवस्थाओं का आलम है. बारिश के मौसम में हॉस्टल तक पहुंचना डॉक्टर्स के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, वही उनके परिजन जर्जर हो रही इमारत में डर के साए में रहने को मजबूर हैं. हॉस्टल को दुरुस्त करवाने की मांग को लेकर अब रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन कोटा के अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने बताया कि हॉस्टल जर्जर अवस्था में है, जहां कभी भी कोई भी दुर्घटना हो सकती है. पीने के पानी के लिए भी रेजिडेंट डॉक्टरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बारिश में हॉस्टल में आने-जाने का मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है. रेजिडेंट डॉक्टरों को अपने वाहन भी काफी दूरी पर खड़े करने पड़ते हैं. ऐसी परिस्थितियों में भी रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों की देखभाल कर रहे है और इलाज कर रहे हैं.
रेजिडेंट डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक धर्मराज मीणा से मुलाकात की और उन्हें अपनी परेशानी से अवगत कराया. मीणा ने रेजिडेंट डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि जल्दी ही उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा. वहीं एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने कहा कि यदि जल्द व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया तो रेजिडेंट डॉक्टर आंदोलन करेंगे.
150 रेजिडेंट डॉक्टर रहते हैं हॉस्टल में
मानसून सीजन में जहां रेजिडेंट डॉक्टर्स को अस्पताल परिसर में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं जर्जर इमारत में परिवारजनों को भी बुनियादी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि कोटा मेडिकल कॉलेज के अधीन करीब 450 रेजिडेंट डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं, जिनमें से करीब 150 डॉक्टर अपने परिवारों के साथ हॉस्टल में ही रहते हैं. इसकी बिल्डिंग जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है. अस्पताल अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि जल्दी बिल्डिंग को भी दुरुस्त करवाने का कार्य शुरू किया जाएगा.
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