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This Article is From Dec 19, 2024

Rajasthan: जयपुर बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद सरवर अजमी की जमानत की शर्तों में किया बदलाव 

Rajasthan:  मोहम्‍मद सरवर अजमी को अपने स्‍थायी पते आजमगढ़ उत्‍तर प्रदेश का सटीक व‍िवरण एंटी-टेरर‍िस्‍ट स्‍क्‍वाड (ATS) जयपुर को देना होगा. 

Rajasthan: जयपुर बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद सरवर अजमी की जमानत की शर्तों में किया बदलाव 
जयपुर में 2008 में हुए सीर‍ियल बम ब्‍लॉस्‍ट में आरोपी मोहम्‍मद सरवर अजमी को हर हफ्ते पुल‍िस स्‍टेशन में हाजरी लगानी होगी.

Rajasthan:  सुप्रीम कोर्ट ने आज (19 आज)  2008 जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में आरोपी मोहम्मद सरवर अजमी पर लगाई गई सख्त जमानत शर्तों में बदलाव किया. निर्णय 17 मई 2023 को क्रिमिनल अपील संख्या 1527-1531/2023 में पारित अपने पहले के आदेश के संबंध में दायर एक आवेदन पर सुनवाई के दौरान लिया गया. 

आरोपी को पुल‍िस स्‍टेशन लगानी होगी हाजरी 

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने निर्देश दिया कि मोहम्मद सरवर अजमी को आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में अपने स्थायी पते का सटीक विवरण एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS), जयपुर को प्रदान करना होगा.  अपने मोबाइल नंबर का खुलासा करना होगा, जिसे वह बिना पूर्व सूचना के बदल नहीं सकते.  प्रत्येक सप्ताह आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में निकटतम पुलिस स्टेशन में उपस्थिति दर्ज करानी होगी. यह शर्त पहले के आदेश की तुलना में एटीएस कार्यालय, जयपुर में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश से छूट प्रदान करती है. 

यह संशोधन तब किया गया जब 

अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिवमंगल शर्मा, जो राजस्थान सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने इस आवेदन का कड़ा विरोध करते हुए तर्क दिया कि चूंकि अजमी उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित होने का इरादा रखते हैं, वे राजस्थान के अधिकारियों की पहुंच से बाहर हो सकते हैं.  राज्य ने वैकल्पिक कड़ी शर्तें लगाने का सुझाव दिया ताकि निगरानी और नियमित संपर्क सुनिश्चित किया जा सके. 

कोर्ट ने आदेश में क‍िया संशोधन 

सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की दलील स्वीकार करते हुए अपने पहले के आदेश में संशोधन कर दिया. 
सुनवाई के दौरान, अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा, वकील आमोग बंसल और वकील सोनाली गौर के साथ, अजमी के खिलाफ गंभीर आरोपों को उजागर करते हुए तर्क दिया कि उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा मौत की सजा दी गई थी, हालांकि बाद में उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा बरी कर दिया गया, और यह निर्णय वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के अधीन है. 

13 द‍िसंबर को अजमी को नोट‍िस जारी क‍िया था 

अजमी ने अपने वकील के माध्यम से 12 अक्टूबर 2023 से आवेदन दाखिल करने की तारीख तक अपनी उपस्थिति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिससे यह साबित हुआ कि उन्होंने पहले के आदेश का पूरी तरह से पालन किया है.  सुप्रीम कोर्ट ने पहले 13 दिसंबर 2024 को अजमी के आवेदन पर नोटिस जारी किया था, जिसमें राजस्थान सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा गया था कि जमानत की शर्तों में संशोधन क्यों नहीं किया जाना चाहिए. 

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