Tanot Mata Temple: राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाक सीमा पर स्थित तनोट माता मंदिर पर देश के लाखों लोगों की आस्था है. इस मंदिर में माता का दर्शन-पूजन करने के लिए हर साल लाखों लोग आते हैं. सरहद की निगाहेबानी करने वाली चमत्कारी मां की पूजा के साथ-साथ लोग यहां भारत-पाकिस्तान सीमा को करीब से देखने के लिए पहुंचते हैं. सनी देओल, सनील शेट्टी, जैकी श्रॉफ की सुपरहिट फिल्म बॉर्डर में भी इस मंदिर को दिखाया गया है. कहा जाता है कि युद्ध के समय पाकिस्तानी गोला-बारूदों को बॉर्डर पर स्थित सब कुछ बर्बाद हो गया था. लेकिन मां के मंदिर पर आंच तक नहीं आई थी. अब इस मंदिर तक पहुंचना बेहद आसान हो गया है. क्योंकि तनोट माता मंदिर का वेबसाइट www.shritanotmatamandirtrust.com लॉन्च कर दिया गया है.
सीमा सुरक्षा बल ने बनाई है वेबसाइड
दरअसल देश की पश्चिमी सरहद की निगाहेबानी करने वाली चमत्कारी देवी मातेश्वरी तनोट राय के मंदिर के लिए सीमा सुरक्षा बल द्वारा एक वेबसाइड बनवाई गई है, जिसको आज तनोट माता मंदिर से लॉन्च किया गया है. सीमा सुरक्षा बल सेक्टर नॉर्थ के डीआईजी योगेंद्र सिंह व 166 वी बटालियन के कमांडेंट वीरेंद्र पाल सिंह द्वारा इस वेबसाइट को लॉन्च किया गया. इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के कई अधिकारी, जवान व माता में आस्था रखने वाले श्रद्धालु मौजूद रहे.
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बम वाली माता के नाम से मशहूर है तनोट मंदिर
DIG योगेंद्र सिंह ने बताया कि जैसलमेर के रामगढ़ इलाके के गांव तनोट में विश्व प्रसिद्ध श्री तनोट राय माता मंदिर अपने अत्यंत प्रभावशाली रूप के कारण भारतवर्ष में प्रसिद्ध है, जिसे बम वाली माता के नाम से जाना जाता है.मंदिर में पूजा अर्चना व देखरेख भी हमारे बल के जवान बखूबी करते आ रहे है.सीमा सुरक्षा बल ने अग्रिम कार्य करते हुए इस मंदिर के उत्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है इसी कड़ी में एक कदम और आगे बढ़ते हुए आज तनोट माता मंदिर की वेबसाइट लॉन्च की. श्री तनोट माता मंदिर ट्रस्ट जैसलमेर की इस वेबसाइट https://www.shritanotmatamandirtrust.com को लॉन्च किया गया है.
धर्मशाला में रुकने सहित बॉर्डर तक जाने के लिए बन सकेगा पास
आपको बता दें कि इस वेबसाइट की लॉन्चिंग के साथ ही मिलने वाले मुख्य सुविधाओं में तनोट से बॉर्डर जाने के लिए पास बनाना, तनोट माता मंदिर में धर्मशाला में रूम बुक करना जैसी सुविधा आमजन के लिए उपलब्ध करवाई गई है.भारत पाक बॉर्डर स्थित इस मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई परेशानी पेश नहीं आएगी.
यह है तनोट माता के मंदिर का इतिहास
जैसलमेर शहर से 120 किलोमीटर दूर भारत- पाक सीमा पर स्थित यह मंदिर 1965 व 1971 के भारत- पाक युद्ध की साक्षी तनोट माता का है.1971 के भारत- पाक युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने करीब 3500 बम गिराए थे. लेकिन उनमें से एक भी बम नहीं फटा था. इसे माता का चमत्कार माना जाता है.
यहां पर ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मंदिर परिसर में रुमाल बांधकर मनोकामना करता है तो उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.तनोट माता मंदिर का निर्माण 828 विक्रमी संवत में राजा तणुराव (तनुजी राव ) ने करवाया था. उस समय जैसलमेर की राजधानी तनोट हुआ करती थी और कालांतर में यहां के राजा भाटी राजपूत अपनी राजधानी तनोट से लोद्रवा और उसके बाद जैसलमेर ले गए, लेकिन मंदिर वहीं रहा.
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