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Rajasthan: 7 साल पहले बनी थी चंबल- नादोती परियोजना, आज भी प्यासे हैं नादोती उपखंड के लोग

वर्तमान में भीषण गर्मी के चलते इस परियोजना की जमीनी हकीकत लोगों के और सरकार के सामने आई कि आखिर कितनी लापरवाही इस परियोजना में अब तक रही है. इसी के चलते अब तेजी से इस परियोजना पर काम हो रहा है. नई बड़ी पाइप लाइन डालकर निकट भविष्य में गंगापुर- नादोती को 60 एमएलडी पानी की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है,जो दीपावली तक संभव है.

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Rajasthan: 7 साल पहले बनी थी चंबल- नादोती परियोजना, आज भी प्यासे हैं नादोती उपखंड के लोग

Gangapur City News: गंगापुर- नादोती की जनता की प्यास बुझाने के लिए बनाई गई चंबल- नादोती परियोजना को आज अस्तित्व में आए हुए लगभग 7 साल हो गए हैं लेकिन इस योजना का पूर्ण रूप से लाभ ना तो गंगापुर सिटी के आमजन को मिल पाया है और ना ही नादोती उपखंड के लोगों को. 2005 में पहली बार प्रदेश की भाजपा सरकार की सीएम वसुंधरा राजे ने इसे स्वीकृति देकर बजट जारी किया था. उस समय इसकी लागत लगभग 400 करोड़ थी. 2008 में एक बार फिर प्रदेश में सरकार बदली और मुखिया बने अशोक गहलोत लेकिन 2008 से लेकर 2013 तक इस परियोजना फिर कोई खास काम नहीं हुआ और योजना लटकी रही. 2013 में फिर से प्रदेश में वसुंधरा राजे सीएम बनीं और मानसिंह गुर्जर गंगापुर सिटी के विधायक बने लेकिन काम धीमी गति से चलता रहा. उसके बाद 2018 में इस परियोजना को तेज गति से मूर्त रूप देने का काम शुरू हुआ.

करौली के मंडरायल में पंप हाउस बनाए गए और इंटेक बेल का निर्माण हुआ. मंडरायल से गंगापुर सिटी तक 75 किमी पाइप लाइन डालकर गंगापुर सिटी में उच्च क्षमता के 2 सीडब्ल्यूआर बनाए गए. इन सीडब्ल्यूआर में चंबल के पानी को स्टोरेज करने के लिए 40-40 लाख लीटर की क्षमता के 2 चैंबर बनाए गए. 

धीमी गति से चला काम 

2018 में योजना के उद्घाटन के समय लोगों को उम्मीद बंधी कि अब शहर में पानी की कोई कमी नहीं रहेगी. लेकिन 2018 में एक बार फिर प्रदेश में जनता ने सरकार बदल दी और फिर से मुखिया बने अशोक गहलोत. गहलोत के इस कार्यकाल में विधायक रामकेश मीणा ने इस प्रोजेक्ट में रुचि लेकर कुछ बजट पास तो करवाया लेकिन काम बहुत धीमी गति से चलता रहा. 2 साल पहले विधायक रामकेश मीणा ने लगभग 12 करोड़ रुपए स्वीकृत करवाया जिससे मंडरायल इंटेक बेल पर नए पंप सेट लगाकर सप्लाई बढ़ाई जा सके.

मेंटेनेंस का बजट ही नहीं बना ! 

फिलहाल गंगापुर सिटी को इस प्रोजेक्ट से सिर्फ 3.50 एमएलडी पानी ही मिला पा रहा है. जबकि गंगापुर शहर को 17 एमएलडी पानी की जरूरत है. हास्यास्पद बात ये है कि चंबल के इस प्रोजेक्ट में सरकार ने मेंटेनेंस का कोई प्रावधान नहीं रखा है,यानी कहीं से लाइन टूटती है तो उसका रख रखाव या मरम्मत का कोई जिम्मेदार नहीं है.

अब जाएगी सरकार 

वर्तमान में भीषण गर्मी के चलते इस परियोजना की जमीनी हकीकत लोगों के और सरकार के सामने आई कि आखिर कितनी लापरवाही इस परियोजना में अब तक रही है. इसी के चलते अब तेजी से इस परियोजना पर काम हो रहा है. 4 पंप सेट के अलावा 6 नए पंप सेट चंबल पर लगाकर,नई बड़ी पाइप लाइन डालकर निकट भविष्य में गंगापुर -नादोती को 60 एमएलडी पानी की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है,जो दीपावली तक संभव है.

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