Pushkar Cattle Fair: राजस्थान के पुष्कर के अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में अलग-अलग राज्यों से आए कीमती घोड़े एक राज्य से दूसरे राज्य तक कैसे पहुंचते हैं? रास्ते में इनके खाने-पीने का इंतजाम कैसे होता है? यह बात सबके मन में आती होगी. इन सब सवालों का जवाब देने के लिए एनडीटीवी की टीम पुष्कर के रेतीले धोरों पर पहुंची. यूं तो घोड़ों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए ट्रक, मिनी वैन अन्य वाहनों का उपयोग किया जाता है. लेकिन इस बर इस पशु मेले में कुछ खास देखने को मिला. जहां पंजाब से आए बुल्सस्टोन कम्पनी के प्रतिनिधि हॉर्स ट्रेलर ले कर आएं है. इस हॉर्स ट्रेलर में एक बार में 2 घोड़े को एक राज्य से दूसरे राज्य आराम से लाया ले जाया सकता है.
हॉर्स ट्रेलर कंपनी के हरजीत सिंह राय ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कंपनी के हॉर्स ट्रेलर यूएसए, कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, में बेचे जाते हैं. उनकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भारत के पंजाब में बनकर तैयार होती है. ब्रेकिंग सिस्टम पूरा USA निर्मित है और अधिकतर पार्ट्स USA से मंगाए गए हैं.
हर जहग की प्रतियोगिता में लेते हैं भाग
इस हॉर्स ट्रेलर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने के दौरान हॉर्स के कंफर्ट का पूरा ध्यान रखा गया है. हॉर्स को चढ़ाने और उतरने के दौरान हाइड्रोलिक गेट का इस्तेमाल किया जाता है. राजसमंद से आए देव स्टर्ड फॉर्म के मालिक गणेश गुर्जर ने बताया कि वह भी पुष्कर पशु मेले में अपने मारवाड़ी नस्ल के 15 घोड़े लेकर आए हैं. भारत में कहीं भी घोड़ों की प्रतियोगिता होती है उसमें ये हमेशा भाग लेते हैं और विजेता घोषित होते हैं.
पहले 100 KM की दूरी तय करता था ये घोड़ा
गुर्जर ने यह भी बताया कि प्राचीन काल में एक मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा प्रतिदिन 100 किलोमीटर का सफर तय कर लेता था. लगातार पैदल चलने वाले घोड़े को गुड और जो का दलिया खाने में दिया जाता है . गुर्जर के पास भारत में पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात सहित राजस्थान के हर कंपटीशन में हॉर्स कंपटीशन में उनके घोड़े विजेता रहे हैं.
मारवाड़ी नस्ल का देव रूप जीत चुका कई प्रतियोगिता
हॉर्स मलिक गणेश गुर्जर ने यह भी बताया कि उनके पास मारवाड़ी नस्ल का देव रूप नाम का घोड़ा है, जिसकी हाइट 65 इंच और वजन 350 किलो है. काले रंग का यह घोड़ा जिसके माथे पर सफेद रंग का तिलक है, 2 पांव सफेद रंग का हैं. इस घोड़े को देखने के लिए विदेशी सैलानी दूर-दूर से यहां आ रहे है.
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