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भारत के वो 7 पहलवान, जिन्होंने कुश्ती में दिलाए 8 ओलंपिक मेडल; करना पड़ा था 56 साल का इंतजार

Olympic medals in wrestling: भारत के लिए ओलंपिक में रेसलिंग में सबसे पहला पदक 1952 में केडी जाधव ने जीता था. अमन सहरावत की तरह केडी जाधव को भी 57 किग्रा भारवर्ग में यह मेडल मिला था.

भारत के वो 7 पहलवान, जिन्होंने कुश्ती में दिलाए 8 ओलंपिक मेडल; करना पड़ा था 56 साल का इंतजार
पेरिस ओलंपिक 2024 में कुश्ती में कांस्य जीतने वाले भारतीय रेसलर अमन सहरावत.

Paris Olympic 2024: पेरिस ओलंपिक से भारत का सफर समाप्त हो चुका है. एक सिल्वर और पांच ब्रान्ज के साथ भारत इस बार ओलंपिक मेडल टैली में 70वें स्थान पर रहा. हालांकि अभी विनेश फोगाट की अपील पर फैसला आना बाकी है. यदि फैसला विनेश के पक्ष में रहता है तो भारत को एक और पदक मिलेगा. फिर भारत पदकों की संख्या के मामले में टोक्यो ओलंपिक की बराबरी कर लेगा. हालांकि टोक्यो में भारत के खाते में एक गोल्ड था. ऐसे में भारत मेडल टैली में 48वें स्थान पर था. 

भारत के लिहाज से पेरिस ओलंपिक की खास बातें

पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले कमजोर रहा. हालांकि शूटिंग में मनु भाकर की दोहरी सफलता, हॉकी में लगातार पदक और कुश्ती में विनेश के फाइनल तक पहुंचना बड़ी कामयाबी है. ओलंपिक डेब्यू कर रहे भारतीय रेसलर अमन सहरावत की जीत भी खास है. यदि अमन नहीं जीतते तो 2008 से चला रहा कांरवा रूक जाता.    

ओलपिंक में भारत का दूसरा सबसे सफल गेम कुश्ती

अब बात भारतीय कुश्ती (Indian Wrestling) की. जो ओलंपिक में भारत का दूसरा सबसे सफल खेल बन चुका है. कुश्ती में भारत ने अभी तक 8 ओलंपिक मेडल जीते है. जो भारत के 7 रेसलरों ने दिलाएं. हालांकि इस बीच 56 साल का लंबा इंतजार भी था. लेकिन 2008 से कुश्ती में पदक सफर लगातार जारी है. 

भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है. यह ओलंपिक इतिहास में रेसलिंग में भारत को मिला 8वां पदक है. खास बात यह है कि भारत 2008 के बाद से लगातार रेसलिंग मेडल जीत रहा है.  

हॉकी भारत के लिए ओलंपिक में सबसे सफल खेल

रेसलिंग ओलंपिक में भारत का दूसरा सबसे सफल स्पोर्ट्स बन चुका है. ओलंपिक में हॉकी में भारत ने सर्वाधिक 13 पदक जीते हैं. रेसलिंग में अब लगातार ओलंपिक मेडल आ रहे हैं. अभी तक ओलंपिक में रेसलिंग में भारत द्वारा जीते गए पदक निम्नलिखित हैं.

1952 में केडी जाधव ने कुश्ती में जीता था पहला पदक

भारत के लिए ओलंपिक में रेसलिंग में सबसे पहला पदक 1952 में हेलसिंकी में केडी जाधव ने जीता था. अमन सहरावत की तरह केडी जाधव को भी 57 किग्रा भारवर्ग में यह मेडल मिला था. केडी जाधव को प्यार से 'पॉकेट डायनेमो' कहकर पुकारा जाता था.

56 साल का इंतजार सुशील ने 2008 में खत्म किया

इसके बाद भारत को 56 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा. 2008 के बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने 66 किग्रा पुरुष फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था.

2012 में सुशील ने सिल्वर जीत रचा इतिहास

सुशील कुमार ने इसके बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में भी इसी भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. वह लगातार दो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बने थे.

लंदन में योगेश्वर ने भी कांस्य जीता 

लंदन ओलंपिक में भारत ने कुल 6 मेडल जीते थे. कुश्ती में 60 किग्रा भारवर्ग में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक हासिल किया था. चार साल बाद, योगेश्वर दत्त के पदक को सिल्वर मेडल में अपग्रेड कर दिया गया था. असल में लंदन ओलंपिक में इस इवेंट के सिल्वर मेडलिस्ट पहलवान का मेडल प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन के कारण छीन लिया गया था.

2016 में साक्षी मलिक ने दिखाया दम

2016 में रियो ओलंपिक में महिला पहलवान साक्षी मलिक ने 58 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया. साक्षी मलिक रेसलिंग में मेडल लेकर आने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं.

2020 में रवि दहिया ने सिल्वर पर लगाया दांव

2020 में टोक्यो में रवि दहिया ने 57 किग्रा भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीता था. खास बात यह है कि पेरिस ओलंपिक के मेडलिस्ट अमन सहरावत रवि दहिया को अपना गुरु मानते हैं. रवि इस बार ओलंपिक में क्वालीफाई नहीं कर सके थे, लेकिन उनके शिष्य ने उनके ही भारवर्ग में मेडल जीतकर ओलंपिक में रेसलिंग मेडल जीतने की परंपरा को टूटने नहीं दिया.

2020 में बजरंग बने कुश्ती के नए बॉस

2020 टोक्यो ओलंपिक में भारत को रेसलिंग में बजरंग पूनिया ने भी एक कांस्य पदक दिलाया था. पूनिया 65 किग्रा भारवर्ग में खेले थे. पूनिया पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए थे.

2024 में अमन के सिर पर सजा पदक का सेहरा

2024 में पेरिस ओलंपिक में अमन सहरावत ने पुरुषों के 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता.सहरावत ने प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज पर 13-5 से जीत दर्ज की. इस प्रक्रिया में, सहरावत 21 साल 0 महीने और 24 दिन की उम्र में भारत के सबसे कम उम्र के व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता बन गए.
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